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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।

उत्तर -

क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी के कार्य

क्लाइव की प्रतिभा तथा कार्यकुशलता हमें दो रूपों में देखने को मिलती है. - विजेता के रूप में तथा प्रबन्धक या शासक के रूप में। प्रथम रूप में उसकी प्रतिभा का दिग्दर्शन हमें उसकी प्रथम गवर्नरी में होता है तथा द्वितीय रूप में उसकी प्रतिभा का पूर्ण विकास हमें उसकी दूसरी गवर्नरी में स्पष्टतः परिलक्षित होता है।

क्लाइव के प्रस्थान के पश्चात् बंगाल का गवर्नर वैनिस्टार्ट को नियुक्त किया गया था। वैनिस्टार्ट के शासन काल में भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य बिल्कुल अव्यवस्थित हो गया। कम्पनी की दशा डावाँडोल थी। भ्रष्टाचार, घूसखोरी इत्यादि का काफी प्रचलन था। कम्पनी के समस्त कर्मचारी येन-केन प्रकारेण अपनी जेबें भरने में लगे थे। जनता की सुख-सुविधाओं की किसी को चिन्ता न थी।

अतः कम्पनी की दशा में सुधार करने तथा भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य को सुव्यवस्थित करने के लिये क्लाइव को पुनः बंगाल तथा कोलकाता की सिलेक्ट कमेटी के सभापति (President) के पद पर नियुक्त करके भारत बुला भेजा। 3 मई, सन् 1765 ई. को क्लाइव कोलकाता आ गया। उसने आकर बंगाल की शासन व्यवस्था में अनेक प्रकार के सुधार किये।

कम्पनी की नौकरियों में सुधार

(a) प्रतिज्ञा-पत्र पर समस्त कर्मचारियों के हस्ताक्षर अनिवार्य - कम्पनी के कर्मचारियों में अन्याय तथा भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया था। क्लाइव ने इसको दूर करने के लिये एक युक्ति निकाली। उसने एक प्रतिज्ञा-पत्र तैयार करवाया जिसके अनुसार कर्मचारियों को घूस न लेने तथा कम्पनी के प्रति स्वामीभक्त रहने की प्रतिज्ञा करनी पड़ती थी। इस प्रतिज्ञा पत्र पर उसने समस्त कर्मचारियों के हस्ताक्षर करवा लिये। अब चार हजार से अधिक रकम ग्रहण करने के लिये कम्पनी के कर्मचारियों को कम्पनी की अनुमति लेना अनिवार्य था। अब कम्पनी के कर्मचारी भेंट तथा घूस के रूप में थोड़े-थोड़े रुपये ले लेते थे और यदि भेंट की गयी रकम चार हजार से अधिक होती थी तो उसमें कम्पनी को भी हिस्सा प्राप्त होता था।

(b) व्यापारिक संघ की स्थापना - कम्पनी के संचालकों का कथन था कि कर्मचारियों का वैयक्तिक व्यापार रोक दिया जाये। क्लाइव ने कहा कि वेतन कम होने के कारण ऐसी व्यवस्था के बिना कर्मचारियों का काम नहीं चल सकता है। क्लाइव ने एक व्यापारिक संघ स्थापित करके कर्मचारियों को इसके सदस्य के रूप में नमक, सुपारी, अफीम, तम्बाकू का व्यापार करने की सुविधा प्रदान की। व्यापार ठेके की प्रणाली पर होता था और लाभ का कुछ भाग कम्पनी तथा शेष सदस्यों को प्रदान होता था।

(c) कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि - भ्रष्टाचार को रोकने के लिये क्लाइव ने कर्मचारियों के वेतन में काफी वृद्धि कर दी। सुधार से भ्रष्टाचार काफी हद तक समाप्त हो गया।

(d) कोलकाता कौंसिल में सुधार - कोलकाता कौंसिल के सदस्यगण घूसखोर हो गये थे। उन्होंने निजामुद्दौला तथा मुहम्मद रजाखाँ से बहुत लम्बी-लम्बी घूसें ले ली थी। क्लाइव ने कौंसिल के रिक्त स्थानों पर मद्रास के चार प्रतिष्ठित अफसरों को इसका सदस्य बना दिया। इससे कौंसिल के अनुचित कार्यों का अन्त हो गया।

(e) सेना में सुधार - युद्ध काल में सैनिकों को दुगुना भत्ता दिया जाता था। युद्ध के समय नवाब ने कम्पनी को सैनिक व्यय देना बन्द कर दिया। 200 सैनिकों ने असन्तुष्ट होकर त्याग-पत्र दे दिया परन्तु क्लाइव ने इसकी चिन्ता न करके उनके स्थान पर अन्य सैनिकों को नियुक्त कर दिया।

लार्ड क्लाइव की विदेश नीति

क्लाइव के आगमन के कुछ ही समय पूर्व अंग्रेज बक्सर युद्ध को जीत सके थे। इसमें बंगाल का नवाब, अवध का वजीर तथा दिल्ली का बादशाह शाहआलम - सभी संयुक्त रूप से पराजित हुये थे। अतः बक्सर के युद्ध का बहुत महत्त्व था। ऐसी परिस्थिति में दिल्ली पर विजय कर लेना आसान ही था। आयरकूट की भी यही इच्छा थी। परन्तु क्लाइव ने निम्नलिखित कारणों से दिल्ली पर अधिकार करना ठीक नहीं समझा

(क) यदि दिल्ली पर अधिकार कर लिया जाता तो अन्य यूरोपियन शक्तियाँ अंग्रेजों पर अवश्य आक्रमण कर देतीं।
(ख) मराठे भी इनके विशाल साम्राज्य को बनाये रखने में बाधक सिद्ध होते।
(ग) ईस्ट इण्डिया कम्पनी व्यापारिक कम्पनी थी, अतः उसे अच्छा प्रशासकीय अनुभव नहीं था।
(घ) कम्पनी के संचालकों की सम्पत्ति भी क्लाइव से मिलती थी। इसीलिये क्लाइव ने अवध के नवाब तथा दिल्ली के सम्राट से सन्धि कर ली।

(1) अवध के नवाब से सन्धि अवध के नवाब के साथ क्लाइव ने एक सन्धि निम्नलिखित शर्तों पर कर ली

(क) नवाब ने 50 हजार रुपया कम्पनी को देना स्वीकार कर लिया।
(ख) कड़ा तथा इलाहाबाद के जिले शाहआलम को दे दिये गये तथा शेष अवध का साम्राज्य नवाब को दे दिया गया।
(ग) कम्पनी ने नवाब को सैनिक सहायता देने का वादा किया, पर सैनिक व्यय नवाब को ही वहन करना था।
(घ) अंग्रेजों को नवाब के राज्य में स्वतंत्र व्यापार करने की सुविधा प्राप्त हो गयी।
(च) दोनों ही पक्षों ने आपत्ति काल में एक-दूसरे की सहायता देने का वचन दिया।

इस प्रकार क्लाइव ने नवाब को अपना मित्र तथा शुभचिन्तक बना लिया और अवध पर अंग्रेजों का प्रभाव भी स्थापित हो गया।

(2) शाहआलम से सन्धि शाहआलम से क्लाइव ने निम्नलिखित शर्तों पर सन्धि कर ली -

(क) कड़ा तथा इलाहाबाद के जिलों पर शाहआलम का अधिकार स्थापित हो गया।

(ख) कम्पनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का अधिकार प्राप्त हो गया। इसके बदले में सम्राट को 26 लाख रुपया देना निश्चित हुआ। इस प्रकार दिल्ली पर विजय करने के स्थान पर क्लाइव ने शाहआलम के साथ ऐसी सन्धि कर ली जिससे अंग्रेजों की प्रतिष्ठा शासक के रूप में स्थापित हो गयी। इस सन्धि के द्वारा ही ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने व्यापारिक संस्था का स्वरूप त्यागकर राजनीतिक संस्था का रूप धारण कर लिया।

(ग) बंगाल में क्लाइव ने दोहरे शासन को प्रचलित किया। फरवरी सन् 1765 ई. में शाहआलम से सन्धि के अनुसार, अंग्रेजों को बंगाल में दीवानी अर्थात् मालगुजारी वसूल करने का अधिकार प्राप्त हो गया। अगस्त सन् 1765 ई. में बंगाल के नवाब से समझौता करके निजामत सम्बन्धी अधिकार भी कम्पनी को मिल गये। सैन्य प्रबन्ध तथा फौजदारी के न्याय का प्रबन्ध भी अब कम्पनी ही करती थी। शासन कार्यों से अनभिज्ञ होने के कारण मालगुजारी वसूल करने तथा न्याय के अधिकार भारतीय कर्मचारियों को दिये और व्यापार तथा विदेश नीति के संचालन का उत्तरदायित्व कम्पनी पर आ गया। नवाब को 53 लाख रुपये की पेंशन दी गई। कर्मचारियों को नियुक्त अथवा अपदस्थ करने का अधिकार भी कम्पनी को ही था। नवाब की पेंशन तथा जमानत का व्यय निकालकर शेष धन कम्पनी को प्राप्त होता था। इस प्रकार के शासन में कम्पनी तथा नवाब के कर्मचारियों दोनों का हाथ रहा। इसी अवस्था को द्वैध शासन का नाम दिया गया है।

द्वैध शासन की समालोचना (Estimate of Dual Government) - द्वैध शासन की कुछ अंग्रेज विद्वानों ने प्रशंसा की थी। वास्तव में यदि कम्पनी स्वयं शासन भार संभालती तो उसे अनके कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। एक तो समस्त विदेशी शक्तियाँ ईर्ष्या से प्रेरित होकर उसके विरुद्ध संगठित हो जाती। दूसरे, कम्पनी के अधिकांश कर्मचारी शासन कार्य से अनभिज्ञ थे, तीसरे, कम्पनी एक व्यापारिक संस्था थी, यदि वह शासन का उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लेती तो मनमाने ढंग से प्रजा से रुपया नहीं वसूल कर सकती थी। इसी आधार पर द्वैध शासन को औचित्यपूर्ण माना जाता है।

परन्तु आधुनिक इतिहासकार इसकी कटु आलोचना करते हैं। इस शासन पद्धति में उत्तरदायित्व किसी का नहीं था। कम्पनी के कर्मचारियों का उद्देश्य धन वसूल करना था और नवाब भी पेंशन पाकर समस्त शासन कार्यों के प्रति उदासीन हो गया ता। इस प्रकार जनहित का कोई भी पक्ष ध्यान न रखता था। कृषक तथा व्यापारियों को इस दोहरे अत्याचार से काफी कष्ट हुआ। कम्पनी के कर्मचारी गवर्नर से आज्ञा पत्र लिखवाकर भारतीय व्यापारियों से कम मूल्य पर वस्तुयें ले लेते थे। इससे उनके व्यापार और वाणिज्य को काफी क्षति पहुँची। उद्योग तथा दक्षता का ह्रास हुआ। कार्य की प्रेरणा समाप्त हो गयी।

उत्तरदायित्व के अभाव में कानून और व्यवस्था लगभग ठप्प हो गयी थी। डाकुओं और सन्यासी छापामारों का बोलबाला हो गया था। इसलिए द्वैध शासन यदि प्रारम्भ न हुआ होता तो अच्छा रहता है।

क्लाइव भारत में ब्रिटिश राज्य का संस्थापक

भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक क्लाइव को ही माना जाता है। वस्तुतः बात ऐसी ही थी। क्लाइव ने अकार्ट विजय के द्वारा अंग्रेजों को एक महान सफलता दिलवाई। इस युद्ध के द्वारा भारत में ब्रिटिश शक्ति की प्रमुख प्रतिद्वन्दिनी शक्ति फ्रांसीसी शक्ति का पतन हो गया।

प्लासी के युद्ध में विजय प्राप्त करके शासन की शक्ति क्लाइव ने कम्पनी को दिलधाई तथा इलाहाबाद की सन्धि द्वारा दीवानी तथा निजामत के अधिकार भी कम्पनी को प्राप्त हो कम्पनी अब राजनीतिक संस्था बन गई थी। इन्हीं कार्यों के आधार पर क्लाइव को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है।


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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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